The best Side of shiv chalisa lyrics in hindi

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।

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श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें  शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

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