श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत स�
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत स�